Health
Summary of Intensive and Coronary Care Units
- High quality ICUs are equipped with medical devices such as mechanical ventilators, bedside monitors, digital cardio tachometers, pacemakers, defibrillators, dialysis equipments etc.
- The biological information related to the patient from the bedside monitors can be analyzed by the concerned physician or nurse to provide better care.
- The various parameters from different ICU units can be sent to a central monitoring console for detailed analysis and care.
- A CCU (Critical or coronary) care unit is a special care units dealing with the care of patients with diseases connected with heart(such as heart attack).
- The cardio tachometers are used to count the heart rate of patients.
- The function of differentiator in analog cardio tachometer is to avoid double counting.
- The output of R-wave discriminator is applied to a level detector .The level detector produce an output voltage change only when the predetermined input voltage level is exceeded.
- Integrator averages the pulses applied to its input from the mono stable output.
- The difference between analog and digital tachometer is that the output from the mono stable is applied to a 4- in -1 generator.
- In cardio tachometers, alarm circuits are provided on bedside monitors to warn the staff on an emergency condition.
- Here the mechanical arrangement of alarm is designed in such a way that it will turn ON when heart rate is too low or too high.
- In modern central monitoring console units, the entire information of different patients from different bedside monitors are collected and displayed.
- The staff at the central monitoring console can continuously monitor the patients and the number of staffs at the bedside monitors can be reduced.
Author Bio: The Author of this article, Sreejith is writing articles on Intensive Care Unit and Critical Care Unit and Trivandrum Portal
Health
Why should you use a health atm machine?
Health ATMs come ready with specific abilities and functionalities. Health atm are non-public walk-in kiosks staffed by way of medical attendants. The covered machines in the kiosks can be used for measuring simple vitals and laboratory tests; even areas of expertise checking out, such as cardiology, pulmonary, gynecology, and neurology, are facilitated in these kiosks alongside emergency centres. In urban regions, those are additionally characteristic of stroll-in kiosks.
These ATMs help in brief and trouble-free health screening. There is likewise the capability to attach patients to professionals and authorized doctors through video conferencing.
About Health ATM
Health atm in India comes equipped with one-of-a-kind functions and functionalities. They are stand-in kiosks staffed by medical attendants. The integrated devices in these kiosks can be used for checking basic vitals and laboratory testing; even speciality testing, which includes cardiology, pulmonary, gynecology and neurology, is facilitated in those kiosks at the side of emergency centres. In city regions, these also function as well-being walk-in kiosks.
How does the health ATM work
The walk-in health ATM India tool consists of incorporated medical devices that can help you do neurology, cardiology, pulmonary testing, pathology investigations, and so forth. It enables the distribution of the medication remotely to patients.
It checks the weight, height, temperature, oxygen level, BMI, pulse, rate, and so on., of patients and advises them if they need urgent medical treatment.
Why is the health atm used widely?
Health ATMs are the first-rate example of using the modern era in the proper way. It is the best machine for public welfare. It promotes the pinnacle-notch use of generation and makes medical centres available effortlessly to people.
During the usage, whilst putting in the health atm, the health body of workers becomes more professional and educated and gives an awesome range of benefits to people.
- Health ATM gives medical consultations.
According to health atm manufacturers, it plays the number one health, testing more than 30 parameters. It may even give on-the-spot medical reviews to patients through WhatsApp, electronic mail, SMS, or even in published shape.
Doctors permit testing communication on telehealth at the same time and keep time for patients. The treatment facility and test-in-way facility are also available below the identical roof due to the health ATM. You no longer want to fear if you can’t attain a medical doctor for medicinal capsules. The Health ATM Supplier enables you and gives you medical consultations by telehealth.
- Video consultation among medical doctors and patients
As per health ATM manufacturers in India, video consultations are made without problems among medical doctors and their customers. Health ATM places stress of effort into making pinnacle interactions among physicians and their patients from remote places.
Health atm is responsible for jogging clinic operations efficiently. The approach of teleconsultation services by health ATM and physician availability are all possible in one location.
Conclusion
Health ATM is kiosk hardware that manages patient-related data. It is available in different configurations and dimensions, so it is established in keeping with the clinic’s middle area.
Education
SGOT Full Form – What is the SGOT Full Form?
SGOT full form : सेरम ग्लुटामेट ओक्सालोएस्ट्रांस्फेरेज”। यह एक प्रकार का एंजाइम है जो मुख्य रूप से लीवर और हृदय में पाया जाता है। यह टेस्ट शरीर के इस एंजाइम के स्तर को मापकर, व्यक्ति के लीवर और हृदय की स्वस्थता की जाँच करने के लिए किया जाता है।
डॉक्टर एक व्यक्ति को SGOT टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं ताकि उन्हें इस एंजाइम के स्तर में किसी बदलाव की जानकारी हो सके, जो विभिन्न लीवर और हृदय रोगों के संकेतों को पहचानने में मदद कर सकता है।
इस लेख के माध्यम से हमने SGOT का पूरा नाम और इस टेस्ट के महत्वपूर्णता के बारे में जानकारी प्रदान की है, ताकि लोग इसे समझ सकें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल में सहारा ले सकें।
SGOT का पुरा नाम – SGOT full form
SGOT की full form Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase होती है।
S – Serum
G – Glutamic
O – Oxaloacetic
T – Transaminase
SGOT की Pronunciation
Serum – सिरम
Glutamic – ग्लूटामिक
Oxaloacetic – ऑक्सालोएसेटिक
Transaminase – ट्रांसएमिनेस
SGOT क्या होता है ?
SGOT का मतलब सिरम ग्लूटामिक ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेस होता है। यह एक प्रकार का एंजाइम होता है जो सामान्य रूप से ह्रदय कोशिकाओं और यकृत में मौजूद होता है। जब ह्रदय या liver क्षतिग्रस्त हो जाता है तो ब्लड में SGOT का flow हो जाता है।
Blood मे serum glutamic oxaloacetic transaminase का level दिल के दौरे या वायरल hepatitis की वजह से बढ़ जाता है या फिर SGOT का स्तर कुछ दवाओं के कारण भी बढ़ सकता है।
SGOT test क्या है ?
SGOT test एक blood test होता है जो liver profile का हिस्सा होता है। यह लीवर में मौजूद दो एंजाइमों में से एक एंजाइम को मापता है और वह एंजाइम SGOT अर्थात Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase होता है।
इस एंजाइम को AST भी कहा जाता है। AST का अर्थ होता है अस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़। SGOT यह मूल्यांकन करता है कि ब्लड में कितना यकृत एंजाइम है।
SGOT test क्यों किया जाता है ?
डॉक्टर SGOT test के द्वारा मुख्य रूप से लीवर की समस्याओं की जांच और आंकलन करते हैं। SGOT Full Form एंजाइम का निर्माण मुख्य रूप से लिवर में होता है। जब भी किसी कारण से लीवर खराब हो जाता है या बीमार हो जाता है तो एसजीओटी लीवर से रक्त प्रवाह में leak हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो रक्त में level सामान्य से ज्यादा हो जाएगा।
अगर किसी व्यक्ति को गुर्दे या दिल की बीमारी है तो उस व्यक्ति में SGOT का लेवल विशेष रूप से अधिक हो सकता है। इस chance को कम करने के लिए डॉक्टर उसी समय लिवर एंजाइम की जांच करवाने के लिए कह सकते हैं।
यदि दोनों एंजाइम का लेवल अधिक है तो यह जिगर की समस्या का संकेत हो सकता है। SGOT का स्तर अधिक होने का मतलब इस बात का संकेत भी हो सकता है कि शरीर के किसी अन्य प्रणाली या अंग में समस्या हो।
स्वस्थ SGOT test की range कितनी होती है ?
डॉक्टर निम्न range को सामान्य स्वस्थ SGOT रेंज के रूप में स्वीकार करते हैं :-
पुरुष : – 10 से 40 unit प्रति लीटर
महिलाएं :- 9 से 32 यूनिट प्रति लीटर
SGOT test की आवश्यकता क्यों है ?
ब्लड में इस एंजाइम के level की जांच करने के लिए यह test किया जाता है। इस जांच के द्वारा डॉक्टर को ह्रदय, यकृत, गुर्दे, मांसपेशी आदि की क्षति का निदान करने में मदद मिलती है। आमतौर पर तब यह टेस्ट किया जाता है, जब किसी व्यक्ति में जिगर की क्षति के symptoms होते हैं और यह symptoms निम्न है :-
- सुजा हुआ पेट
- पीली त्वचा और आंखें
- गहरे रंग का मूत्र
- भूख में कमी
- पैरों और टखनों में सूजन
- हल्के रंग का पूप
इसके अलावा डॉक्टर के द्वारा SGOT test तब भी सुझाया जाता है, जब :-
- व्यक्ति को हेपेटाइटिस वायरस का संक्रमण हो।
- यदि कोई ऐसी दवा ले रहे हो जो लीवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हो।
- बहुत अधिक शराब का सेवन करते हो।
- जिगर की बीमारियों का कोई पारिवारिक इतिहास हो।
- मोटापा या मधुमेह हो।
- बरामदगी, अग्नाशयशोथ या फिर मांसपेशियों में चोट आदि लगी हो तो ऐसे में डॉक्टर व्यक्ति को एसजीओटी टेस्ट करवाने के लिए कहते हैं।
SGOT test की तैयारी कैसे करे ?
SGOT Full Form टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जो तकनीकी रूप से बिना किसी विशेष तैयारी के किया जा सकता है। हालांकि, कुछ कदम हैं जो आप इस टेस्ट को सरल बनाने के लिए उठा सकते हैं, जैसे कि टेस्ट से दो दिन पहले टाइलेनॉल और अन्य कोउंटर दवाओं से बचें।
यदि किसी कारण से ओवर-द-काउंटर दवा की आवश्यकता होती है, तो आपको टेस्ट से पहले डॉक्टर को सूचित करना चाहिए। टेस्ट से पहले, आपको डॉक्टर को उन सभी दवाओं के बारे में सूचित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जो आप ले रहे हैं।
टेस्ट से एक रात पहले, अच्छी तरह से पानी पीना सुनिश्चित करें ताकि आप हाइड्रेट रहें। यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि आपके रक्त को खींचना आसान हो।
ध्यान रखें कि आपके पहने हुए कपड़े बहुत टाइट नहीं हों, क्योंकि रक्त का सैंपल आपके बाजू से लिया जाता है। इसलिए, आधी कोहनी तक के कपड़े पहनना अधिक सुरक्षित हो सकता है, जिससे टेक्नीशियन को रक्त प्राप्त करना आसान हो।
निष्कर्ष :-
मित्रों, इस लेख में हमने SGOT Full Form का पूरा नाम विस्तार से जानने का प्रयास किया है। urstoryiq.com हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए सहायक साबित होगा। यदि इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो, तो कृपया हमें टिप्पणी के माध्यम से बताएं।
यदि आप किसी अन्य विषय पर जानकारी चाहते हैं, तो आप वह भी हमसे कमेंट करके साझा कर सकते हैं। अगर आपको जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इस लेख को अधिक से अधिक साझा करें।
FAQ’S :-
Q1. SGOT test मे sample type क्या रहता है ?
Ans. इसमें blood sample लिया जाता है।
Q2. SGOT test से पहले खाली पेट रहना आवश्यक है ?
Ans. नही
Q3. SGOT test report क्या दर्शाती है ?
Ans. यह liver कोशिकाओं को नुकसान की मात्रा का संकेत देती है।
Q4. क्या SGOT 70 समान्य है ?
Ans. नही, समान्य SGOT 7 - 56 unit प्रति लीटर होता है।
Q5. SGOT के लिए blood sample कैसे लिया जाता है ?
Ans. हाथ की नस से Check Out : CR Full Form – What is CR Full Form
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